इस प्रोटोकॉल का उद्देश्य वैज्ञानिक समुदाय में गहरी यूटेक्टिक प्रणालियों की तैयारी को मानकीकृत करना है ताकि इन प्रणालियों को पुनरुत्पादित किया जा सके।